Monday, April 21, 2008

Aji rooth kar ab...

This pair has some of the most romantic numbers ever! One of my favorite on-screen pairs in HFM.

This song has two solos - both equally pleasing to the ears. I do wish they had longer version for the one sung by Rafisahab.

What I like this music is when the singer sings, the only thing that plays are tabla and/or minimal music and then when the singer pauses the singing, the music picks up! You get to enjoy and appreciate each one. Also, when either of the piano, sitar, violins, flute or trumpet play, there is nothing else playing simultaneously but the tabla. It's amazing!

Hasrat Jaipuri totally rocks! While looking for some song of him, I came across this small biography of him on UrduPoetry.com. It is a great read!


Lata M:

(अजी रूठ कर अब कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा) (२)
अजी रूठ कर अब

निगाहों से छूपकर दिखाओ तो जाने
ख्यालों में भी तुम न आओ तो जाने
अजी लाख परदों में छूप जाइयेगा (२)
नज़र आइएगा नज़र आइएगा
अजी रूठ कर अब कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा
अजी रूठ कर अब

जो दील में है होठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दील में छूपाना भी मुश्किल
नज़र की ज़ुबां से समझ जाइयेगा (२)
समझ कर ज़रा गौर फरमाइयेगा
अजी रूठ कर अब कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पैयेगा
अजी रूठ कर अब


Rafi:

अजी हम से बचकर कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमे पाइयेगा
अजी हम से बचकर

यह कैसा नशा है यह कैसा असर है
न काबू में दील है न बस में नज़र है
ज़रा होश आ ले चले जाइयेगा (२)
ठहर जाइयेगा (२)

(अजी हम से बचकर कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमे पैयेगा) (२)
अजी हम से बचकर



Movie Name: Arzoo (1965)
Singer: Lata Mangeshkar/Mohd. Rafi
Music Director: Shankar-Jaikishan
Lyrics: Hasrat Jaipuri
Picturized on: Sadhana Shivdasani, Rajendra Kumar

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