This was probably one of the first serious Hindi drama film I had watched and remember crying my eyes out. I must have been less than 10 years old. I remember Papu telling me how they had made the entire movie in less than a month (something like 22 days). I had no idea what that meant but because he said, I knew it was a big deal and so I was impressed. Later on, when I discussed the storyline with him as a teenager I realized the value of relationships portrayed in the film and I also fell in love with the songs. This one is my most favorite one.
(याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए) (२)
याद न जाये
दिन जो पखेरू होते पिंजरे में मैं रख लेता (२)
पालता उनको जतन से
पालता उनको जतन से मोती के दाने देता
सिने से रेहता लगाए
याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए
तसवीर उनकी छुपाके रख दूं जहाँ जी चाहे (२)
मन में बसी यह मूरत
मन में बसी यह मूरत, लेकिन मिटी ना मिटाए
केहने को है वोह पराये
याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए
याद अस जाये बीते दिनों की...
Film: Dil Ek Mandir (1963)
Singer: Mohd. Rafi
Music Director: Shankar Jaikishan
Lyricist: Shailendra
Picturized on: Rajendra Kumar
(याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए) (२)
याद न जाये
दिन जो पखेरू होते पिंजरे में मैं रख लेता (२)
पालता उनको जतन से
पालता उनको जतन से मोती के दाने देता
सिने से रेहता लगाए
याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए
तसवीर उनकी छुपाके रख दूं जहाँ जी चाहे (२)
मन में बसी यह मूरत
मन में बसी यह मूरत, लेकिन मिटी ना मिटाए
केहने को है वोह पराये
याद न जाये बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन दील क्यों भुलाए उन्हें
दील क्यों भुलाए
याद अस जाये बीते दिनों की...
Film: Dil Ek Mandir (1963)
Singer: Mohd. Rafi
Music Director: Shankar Jaikishan
Lyricist: Shailendra
Picturized on: Rajendra Kumar
1 comment:
Such haunting music playing in background! *whoa*
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