Jahan Ara has so many goodies of Talat that every once in a while I forget to appreciate the Lata songs in it. And I think Rajendar Krishan is the best lyricist of HFM. I"m short of words to describe Madan Mohan's work here. You just gotta listen to this gem.
Once again you realize that if it weren't for tabla, there would be no Indian music at all. What I love about this song and the others from this era, is that when the singer sings, there is practically no music or very minimal music playing in background and then the singer stops singing, you're taken on a journey to your heart with the soulful, touchy music. It makes you get lost in this place that has no boundaries.
Even the mujra songs of this time period in HFM were so classy! If you heard a song like this on the radio, it'd make you stop whatever that you're doing and just listen to the song and appreciate the beauty of it.
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है (२)
जो बात कर ले ... आ आ ...
जो बात कर ले तो बुझते चिराग जलते है
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है
कहो बुझे के जले
हम अपनी राह चले या तुम्हारी राह चले
कहो बुझे के जले
बुझे तो ऐसे के जैसे किसी गरीब का दील
किसी गरीब का दील
जले तो ऐसे के जैसे चिराग जलते है
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है
ये खोयी खोयी नज़र
कभी तो होगी इधर या सदा रहेगी उधर
यह खोयी खोयी नज़र
उधर तो एक सुलगता हुआ है विराना
है एक विराना
मगर इधर तो बहारों में बाग़ जलते है
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है
जो अश्क पी भी लिए
जो होठ सी भी लिए तो सितम ये किस पे किये
जो अश्क पी भी लिए
कुछ आज अपनी सुनो और कुछ आज मेरी सुनो
कुछ आज मेरी सुनो
खामोशियों से तो दील और दिमाग जलते है
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है
जो बात कर ले तो बुझते चिराग जलते है
वोह चूप राहे तो मेरे दील के दाग जलते है
Film: Jahan Ara (1964)
Singer: Lata Mangeshkar
Lyricist: Rajendar Krishan
Music Directir: Madan Mohan Kohli
Piturized on: Minoo Mumtaz, Bharat Bhushan, Om Prakash, Aruna Irani
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