I love those songs where Rafi sahab gives voice to Shammi Kapoor and SK is out there charming his lady love by praising her with his nakhra and qaatil adaayen. This is one of them!
I have heard this song quite a lot as a kid, as my dad used to sing a parody of it for my sister and I when we create a havoc together. :D Special memories associated with this one.
(ए गुलबदन ए गुलबदन
फूलों की महेक काटों की चुभन
तुझे देख के केहता है मेरा मन
कहीँ आज किसी से मोहब्बत ना हो जाये (२)) (२)
(क्या हसीन मोड़ पर आ गयी जिन्दगानी
के हकीकत ना बन जाये मेरी कहानी) (२)
जब आहें भरे यह ठंडी पवन
सीने में सुलग उठाती है अगन
तुझे देख के केहता है मेरा मन
कहीँ आज किसी से मोहब्बत ना हो जाये (२)
(क्या अजीब रंग में सझ रही है खुदाई
के हर चीज़ मालिक ने सुन्दर बनायी) (२)
नदिया का चमकता है दर्पन
मुखडा देखे सपनों की दुल्हन
तुझे देख के केहता है मेरा मन
कहीँ आज किसी से मोहब्बत ना हो जाये (२)
(मैं तुम्ही से यूँ आँखें मिलाता चला हूँ
के तुम्ही को मैं तुमसे चुराता चला हूँ) (२)
मत पूछ मेरा दिवानापन
आकाश से उँची दिल की उड़न
तुझे देख के केहता है मेरा मन
कहीँ आज किसी से मोहब्बत ना हो जाये (२)
ए गुलबदन ए गुलबदन
फूलों की मेहेक काटों की चुभन
तुझे देख के केहता है मेरा मन
कहीँ आज किसी से मोहब्बत ना हो जाये (३)
Film: Professor (1962)
Singer: Mohd. Rafi
Music Director: Shankar Jaikishan
Lyrics: Hasrat Jaipuri
Picturized on: Shammi Kapoor, Kalpana
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