Wednesday, February 28, 2007

Tere Bina Zindagi...

There are a very few songs that actually touch you and make you think... about life. Here is one like that. This song has so many levels... the lyrics, music, situation, Sanjeev Kumar's voice and the emotions his words convey, the feelings that one feels listening to Suchitra Sen's voice, the unanswered questions, the unquestioned answers... everything about it touches your heart.


Her: बरसों बाद मैं घूमने निकली हूँ। ऐसा लगता है की वो किसी और सदी की बात थी।

Him: हम्... शायद उन दिनों की बात होगी जब ये इमारते अभी उजड़ी नही थी।

Her: हम्? पिछले किसी जनम की बात ही तो लगती है...

Him: एक काम करे, जब तक तुम यहाँ हो, रोज़ घर पे खाने के लिए तो आया ही करोगी, खाने के बाद घूमने निकल आया करेंगे। कम से कम ये इमारत कुछ दिनों के लिए तो बस जायेगी...
तुम्हारी शाल कहाँ है?

Her: हम्? हाँ हाँ भूल गई... उम उम ना ना...

Him: तुम नहीं बदलोगी... लो...

तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना जिन्दगी भी लेकिन जिन्दगी तो नहीं
जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नही
तेरे
बिना जिन्दगी से शिकवा तो नहीं

(काश ऐसा हो तेरे क़दमों से चुन के मंज़िल चले
और कहीँ दूर कहीँ) (२)
तुम ग़र साथ हो मंजिलों कि कमी तो नहीं
तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं

Him: "सुनो आरती, यह जो फूलों कि बेले नज़र आती है ना, दरअसल यह बेले नहीं, अरबी में आयेती लिखी है, इससे दिन के वक़्त देखना चाहिऐ. बिल्कुल साफ नज़र आती है. दिन के वक़्त यह सारा पानी से भरा रहता है. दिन के वक़्त जब यह फुआरे..."

Her: "कहॉ अब आऊंगी मैं दिन में"

Him: "यह जो चांद है ना, इससे रात में देखना, यह दिन में नहीं निकलता"

Her: "यह तो रोज़ निकलता होगा"

Him: "हाँ लेकिन बीच में अमावस आ जाती है. वैसे तो अमावस पन्द्रेह दिन को होती है लेकिन इस बार बहुत लंबी रही..."

Her: "नौ बरस लम्बी थी ना?"

...song continues with...

(जीं में आता है तेरे दामन में सर छुपाके हम
रोते रहे, रोते रहे) (२)
तेरी भी आंखों में आंसुओ की नमी तो नहीं
तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना जिन्दगी भी लेकिन जिन्दगी तो नहीं
जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नहीं

(तुम जो केह्दो तो आज की रात चांद दुबेगा नहीं
रात को रोक लो) (२)
रात कि बात है और जिन्दगी बाक़ी तो नहीं
तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना जिन्दगी भी लेकिन जिन्दगी तो नहीं
जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नहीं, जिन्दगी नहीं
तेरे बिना जिन्दगी से शिकवा तो नहीं


Movie: Aandhi (1975)
Music Director: Rahul Dev Burman
Singer: Kishore Kumar, Lata Mangeshkar, Sanjeev Kumar
Lyrics: Gulzar
Picturized on: Sanjeev Kumar, Suchitra Sen

2 comments:

Nova said...

A heart-rendering song!

Atul said...

Many thanks 🙏 I was looking for these dialogues and found it here